Sunday 14 June 2020

5 Best Hindi motivational story

5 Best Hindi motivational story 


आज आप पढ़ेंगे मोटिवेशनल कहानियां(Motivational story) हिंदी में। यह पोस्ट पांच कहानियों का संग्रह है। पांचो  कहानिया प्रेरणा से भरी हुई हैं।


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5 Best Hindi motivational story 


1. अपनी पहचान कैसे बनाएं

( Hindi motivational story for identity development )


एक प्रसिद्ध लेखक पत्रकार और राजनयिक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जो बेहद ही हंसमुख स्वभाव और आकर्षक व्यक्तित्व के धनी है। उनकी पत्रकारिता देश ही नहीं अपितु विदेश में भी प्रसिद्ध है। उन्होंने वैसे जगह पर भी पत्रकारिता की है जहां अन्य पत्रकारों के लिए संभव नहीं है।उनकी हसमुख प्रवृत्ति और हाजिर जवाब का कोई सानी नहीं है। एक समय की बात है पुष्पेंद्र एक सभा को संबोधित कर रहे थे , सभा में जनसैलाब उमड़ा था , लोग उन्हें सुनने के लिए दूर-दूर से आए हुए थे।
जब वह अपना भाषण समाप्त कर बाहर निकले , तब उनकी ओर एक भीड़ ऑटोग्राफ के लिए बढ़ी। पुष्पेंद्र उनसे बातें करते हुए ऑटोग्राफ दे रहे थे। तभी एक नौजवान उस भीड़ से पुष्पेंद्र के सामने आया उस नौजवान ने उनसे कहा -” मैं आपका बहुत बड़ा श्रोता और प्रशंसक हूं , मैं साहित्य प्रेमी हूं , जिसके कारण मुझे आपकी लेखनी बेहद रुचिकर लगती है। इस कारण आप मेरे सबसे प्रिय लेखक भी हैं। मैंने आपकी सभी पुस्तकें पढ़ी है और आपके व्यक्तित्व को अपने जीवन में उतारना चाहता हूं। किंतु मैं ऐसा क्या करूं जिससे मैं एक अलग पहचान बना सकूं। आपकी तरह ख्याति पा सकूं।”

ऐसा कहते हुए उस नौजवान ने अपनी पुस्तिका ऑटोग्राफ के लिए पुष्पेंद्र की ओर बढ़ाई।

पुष्पेंद्र ने उस समय कुछ नहीं कहा और उसकी पुस्तिका में कुछ शब्द लिखें और ऑटोग्राफ देकर उस नौजवान को पुस्तिका वापस कर दी।
इस पुस्तिका में यह लिखा हुआ था  –

” आप अपना समय स्वयं को पहचान दिलाने के लिए लगाएं ,
किसी दूसरे के ऑटोग्राफ से आपकी पहचान नहीं बनेगी।
जो समय आप दूसरे लोगों को लिए देते हैं
वह समय आप स्वयं के लिए दें। “

पुष्पेंद्र ने उस नौजवान को धन्यवाद दिया और सफलता के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं भी दी


2. स्वदेशी और आत्म सम्मान

( Motivational story in hindi for self respect )

यह उन दिनों की बात है , जब पूरे भारत में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन चलाया जा रहा था। महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन में साथ देने के लिए जब भारतीय जनता को आवाज दी , सभी भारतीय एकमत से महात्मा गांधी के नेतृत्व में लड़ाई लड़ने को तैयार हो गए। सभी भारतीय अपने – अपने अनुसार अंग्रेजों का बहिष्कार कर रहे थे , अंग्रेजी वस्तुओं का बहिष्कार कर रहे थे। उनके द्वारा प्रायोजित हर उस चीज का बहिष्कार कर रहे थे जिससे अपनापन का आभास ना हो।
लोग जमी – जमाई सरकारी नौकरी भी छोड़ कर महात्मा गांधी के साथ खड़े थे।
उनमें से एक नाम मुंशी प्रेमचंद का भी है।
मुंशी प्रेमचंद , महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में शामिल होने के एक आह्वान से अपनी सरकारी नौकरी त्याग कर असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए। उन्होंने अपने स्तर पर जितना हो भी हो कर सके अग्रणी भूमिका निभाई , जगह – जगह आंदोलन किया , विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया और घूम – घूम कर लोगों को प्रेरित किया।

Premchand hindi motivational story

प्रेमचंद के इस समर्पण भाव को देखकर लोग प्रभावित हो रहे थे। स्त्री – पुरुष सभी उनके प्रभाव में असहयोग आंदोलन में शामिल हो रहे थे और महात्मा गांधी के सपने को साकार कर रहे थे। तभी महिलाओं को भी इस आंदोलन में अधिक संख्या में शामिल करने के लिए विचार किया गया। सभी ने सुझाव दिया प्रेमचंद की पत्नी इस संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाएं सभी महिलाएं उनके नेतृत्व में अपना समर्थन देंगी।
काफी सोच विचार के बाद प्रेमचंद की पत्नी ने असहयोग आंदोलन में गृहणी होते हुए भी अग्रणी भूमिका  निभाई और अपने नेतृत्व में महिला मंडली का एक बड़ा दल खड़ा किया। आरम्भ में कुछ संकोच हुआ किंतु स्वदेशी वस्तुओं को अपनाकर लोगों में आत्मसम्मान की अनुभूति होने लगी। इसमें महिला मंडली का विशेष योगदान रहा , जिसने ना सिर्फ अपने घर परिवार के लोगों को प्रेरित किया बल्कि उनसे प्रेरित होकर पूरा भारत अंग्रेजों के विरुद्ध खड़ा हो गया , जिसने अंग्रेजों की नींव हिलाने का कार्य किया   
               
3.बिना परखे किसी पर टिप्पड़ी न करे 
(Dont,judge anyone)


 एक 24 साल का लड़का ट्रेन की खिड़की से बाहर देखकर चिल्लाया और अपने पापा से कहा…पापा, वो देखिये सारे पेड़ पीछे जा रहे है !पापा ने smile दिया और पास में बैठा एक couple उस लड़के की तरफ दया भावना दिखाते हुए देखा, इतने में लड़का फिर चिल्लाया…पापा, वो देखिये सारे बादल हमारे साथ भाग रहे हैं !उस couple से रहा नहीं गया और उस बूढ़े अदमी से कहा कि “आप इसे किसी अच्छे डॉक्टर को क्यूँ नहीं दिखाते?”बूढ़े अदमी ने हँसकर कहा, हम लोग अभी हॉस्पिटल से ही आ रहे हैं, मेरा लड़का बचपन से अंधा था और उसे आज ही अपनी आँख मिली है।

                               4.लग्न और आत्मविश्वाश 

(motivatonal story in hindi for selfconfidence)

विदुषी नाम की लड़की थी वह पड़ने लिखने में बहुत होशियार थी।  वह पढ़ लिख कर आगे बढ़ती रही उसे बचपन से ही क्रिकेट , फुटबॉल , व बॉलीबॉल आदि अनेक खेल खेलने का शौक था।


वह अभ्यास करती थी उसमे लगन था जिसके कारण वह एक राष्ट्रीय खिलाड़ी भी बन गई। विदुषी एक साधारण परिवार में जन्मी थी। धन के अभाव से उसने हार नहीं मानी , उसने कॉलेज से लॉ / वकालत  की परीक्षा भी पास कर ली । विदुषी की जिंदगी में एक मोड़ ऐसा आया कि जब वह एक परीक्षा देने के लिए ट्रेन से जा रही थी। रास्ते में असामाजिक तत्वों ने ट्रेन पर हमला कर दिया। विदुषी ने जब इसका पुरजोर विरोध किया तो , डाकुओं ने उसे ट्रेन से नीचे धकेल दिया। ‘

इस कृत्य से उसका एक पैर ट्रेन की चपेट में आकर कट गया।

इसके बावजूद विदुषी ने हिम्मत नहीं हारी और निरंतर आगे बढ़ती रही।  विदुषी अपने भाग्य के भरोसे न रहकर पूरे जीवन में मेहनत करती रही। उसके नेक इरादे ने एक दिन एवरेस्ट की चोटी भी लांघ दी अपने देश भारत का झंडा एवरेस्ट की चोटी पर गर्व से लहराता हुआ। विदुषी और उसके जज्बे को सलाम कर रहा था।  तात्पर्य यह है कि जब आपने लगन व तपस्या की भावना रहती है तो आपके लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं रहता। जैसा कि विदुषी के साथ हुआ एक पैर ना होने पर भी।  उसने एवरेस्ट की दुर्गम में चोटी पर चढ़कर यह साबित कर दिया कि मेहनत और लगन  के आगे एवरेस्ट की चोटी भी राई के पहाड़ जैसी हो सकती है।

5.अपनी परेशानियो से सीखे 
(learn from your problem)


एक अदमी अपने सबसे पसंदीदा गधे के कहीं जा रहा था, रास्ते में वो गधा एक बड़े से एक गड्ढे में गिर गया।
उस गधे को गड्ढे से बाहर निकालने के लिए उस इंसान बहुत मेहनत की लेकिन उसे बाहर निकाल नहीं पाया, काफी प्रयासों के बाद उस इंसान ने गधे को जिंदा दफना देने की सोची।
और वो उस गधे के ऊपर मिट्‍टी डालने लगा।
ऊपर मिट्‍टी पड़ने की वजह से गधे को वजन महसूस होने लगा और उसने अपना शरीर हिलाकर मिट्‍टी को नीचे गिरा दिया और उसके ऊपर खड़ा हो गया। वो अदमी मिट्‍टी डालता गया और गधा उसे नीचे गिराकर उस पर खड़ा होता गया।
अदमी जितना ज्यादा मिट्‍टी डालता गया गधा उतना ऊपर आता गया, और दोपहर तक वो गधा बाहर निकलकर घास खा रहा था।

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" उम्मीद करता हु दोस्तों पांचो मोटिवेशनल स्टोरी आपको बहुत पसंद आयी होगी और आपको इनसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा ,आपको पांचो कहानियों से बहुत प्रेणा मिली होगी। अगर आपके अपने कोई विचार है तो कमेंट बॉक्स में जरूर में दे। "

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